प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना (PMFME) का मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य इकाइयों और किसान उत्पादक संगठन के उन्नयन और विकास के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसरों को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना है। यह योजना आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत शुरू की गई है, जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) को सशक्त बनाने पर जोर देती है। इस योजना का उद्देश्य सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में सुधार लाना और उन्हें प्रतिस्पर्धात्मक बनाना है ताकि PM Suksham Khadya Udyog Unnayan Yojana तहत वे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में किसान उत्पादक संगठन अपनी पहचान बना सकें।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना उद्देश्य
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के मुख्य उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- भारत में लगभग 25 लाख असंगठित खाद्य उद्योग है जो लगभग 74% रोजगार प्रदान कर रहे है।
- लगभग 66% उद्योग देश के ग्रामीण इलाको में स्थित है जो ज़्यदातर अति लघु उद्योग की श्रेणी में आते है इस बढ़वा देना
- इन उद्योग के कारण ग्रामीण लोगो का जीवन यापन बेहतर और आसान हो गया है।
- इस योजना के तहत 238757 आवेदक ने आवेदन किया था जिनमे से 80343 आवेदन को स्वीकृत कर लिया गया जिसे 2024 मैं बढ़ाने का कोसिस की जर रही है
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना बजट विवरण
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के लिए सरकार ने 2020-21 से 2024-25 तक के लिए 10,000 करोड़ का बजट आवंटित किया है। यह बजट केंद्र और राज्य सरकारों के संयुक्त वित्तीय योगदान के माध्यम से वितरित किया जाएगा। इस योजना के तहत वित्तीय सहायता, प्रशिक्षण, मार्केटिंग और ब्रांडिंग, और तकनीकी सहायता जैसे विभिन्न घटकों के लिए धनराशि आवंटित की गई है।
योजना के बिंदु
- उपकरण और मशीनरी की आपूर्ति: इस योजना के तहत सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों को नए उपकरण और मशीनरी की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है। इससे उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार होगा।
- मार्केटिंग और ब्रांडिंग: उत्पादों की ब्रांडिंग और विपणन के लिए सहायता प्रदान की जाती है ताकि वे घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी पहचान बना सकें।
- ट्रेनिंग और स्किल डेवलपमेंट: उद्यमियों और श्रमिकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि वे नवीनतम तकनीकों और उपकरणों का उपयोग कर सकें।
- क्रेडिट सुविधा: बैंकों और वित्तीय संस्थानों से सस्ती दरों पर ऋण सुविधा प्रदान की जाती है ताकि उद्यमी अपने व्यवसाय को बढ़ा सकें।
PM Suksham Khadya Udyog Unnayan Yojana लाभ
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्यम उन्नयन योजना के तहत निम्नलिखित लाभ प्रदान किये जाएगे:-
- योजना के तहत व्यक्तिगत सूक्ष्म उधयोगऔर किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह, सहकारिता को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी।
- व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यम, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह, सहकारिता को योजना के तहत ब्रांडिंग और विपणन समर्थन के लिए 50% अनुदान दिया जाएगा।
- स्वयं सहायता समूह प्रति सदस्य 40,000/- रुपये की प्रारंभिक पूँजी ले सकता है और छोटे उपकरणों के लिए 4 लाख रुपये तक ले सकता है।
- व्यक्तिगत सूक्ष्म उद्यम, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह, सहकारिता के स्थापित करने और आधारिक संरचना के लिए पात्र परियोजना लागत का 35% (अधिकतम 3 करोड़) क्रेडिट लिंक्ड सब्सिडी का लाभ ले सकते है।
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना विशेषताएं
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना की मुख्य विशेषताएं निम्नलिखित हैं:
- सब्सिडी: इस योजना के तहत उपकरण और मशीनरी की खरीद पर 35% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है, जिससे उद्यमियों को वित्तीय बोझ कम करने में मदद मिलती है।
- क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण: इस योजना में उत्पादक समूहों को प्रोत्साहित किया जाता है, जिससे समान प्रकार के उत्पादकों को एक साथ लाया जा सके और उनकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि हो सके।
- वन-स्टॉप सॉल्यूशन: सभी आवश्यक सेवाओं का एक ही स्थान पर उपलब्ध कराया जाता है, जिससे उद्यमियों को किसी भी समस्या का समाधान आसानी से मिल सके।
- तकनीकी सहायता: उत्पादकता और गुणवत्ता में सुधार के लिए तकनीकी सहायता प्रदान की जाती है, जिससे उद्यमियों को नवीनतम तकनीकों का उपयोग करने में मदद मिलती है।
चयन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के अंतर्गत चयन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- आवेदन: इच्छुक उद्यमी सरकारी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
- जाँच: आवेदन की जाँच और आवश्यक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाता है।
- स्वीकृति: पात्रता की पुष्टि के बाद आवेदन स्वीकृत किया जाएगा और उद्यमियों को सूचित किया जाएगा।
पात्रता
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत पात्रता निम्नलिखित है:
- आवेदक के पास मौजूदा संचालित खाद्य प्रसंस्करण उद्योग हो।
- उद्योग का निवेश और टर्नओवर 1 करोड़ और 5 करोड़ से अधिक नहीं होना चाहिए।
- आवेदक की आयु 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- आवेदक की न्यूनतम शिक्षा 8वीं कक्षा तक पूरी होनी चाहिए।
- इस योजना के तहत एक परिवार में से केवल एक ही सदस्य इस योजना के लिए आवेदन कर सकतें हैं।
आवश्यक दस्तावेज
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत आवेदन के लिए निम्नलिखित दस्तावेज आवश्यक हैं:
- आधार कार्ड।
- पैन कार्ड।
- उपयोगिता बिल।
- उद्यम पंजीकरण प्रमाणपत्र।
- व्यवसाय पंजीकरण प्रमाण पत्र।
- जीएसटीआईएन पंजीकरण प्रमाणपत्र।
- अंतिम वित्तीय वर्ष का जीएसटी रिटर्न विवरण।
- बैंक विवरण।
- शैक्षणिक विवरण।
- ऋण विवरण (यदि कोई हो)।
- व्यावसायिक साझेदारी समझौता (यदि कोई हो)।
- लेखापरीक्षित बैलेंस शीट।
- मौजूदा यूनिट की फोटो।
आवेदन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- ऑनलाइन पंजीकरण: इच्छुक उद्यमी सरकारी पोर्टल पर लॉगिन करके ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
- आवेदन करने के लिए सबसे पहले आवेदक को पोर्टल पर पंजीकरण करना होगा।
- जो लोग पहले से पोर्टल पर पंजीकृत है वे सभी लॉगिन करके आगे की प्रक्रिया को पूर्ण कर सकते है
- आवेदन को आगे की प्रक्रिया पूर्ण करने के लिए पोर्टल पर लॉगिन करना होगा।
- उसके बाद आवेदन पत्र में पूछे गए आवयशक विवरण भर कर और सभी दस्तावेज अपलोड करके आवेदन पत्र को जमा कर दे।
- सबमिट करें: आवेदन को सबमिट करें और उसकी रसीद प्राप्त करें।
एप्लीकेंट लॉगिन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत एप्लीकेंट लॉगिन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सरकारी पोर्टल पर जाएं।
- “एप्लीकेंट लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करें।
- यूजर आईडी और पासवर्ड दर्ज करें।
- लॉगिन बटन पर क्लिक करें।
MIS लॉगिन प्रक्रिया
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना के तहत MIS लॉगिन प्रक्रिया निम्नलिखित है:
- सरकारी पोर्टल पर जाएं।
- “MIS लॉगिन” विकल्प पर क्लिक करें।
- यूजरनेम और पासवर्ड दर्ज करें।
- लॉगिन बटन पर क्लिक करें।
निष्कर्ष
प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना 2024 भारत के सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को एक नई दिशा देने का प्रयास है। इस योजना के माध्यम से, उद्यमियों को आवश्यक वित्तीय सहायता, तकनीकी प्रशिक्षण, और बाजार तक पहुंच प्रदान की जा रही है, जिससे वे अपने व्यवसाय को उन्नत कर सकें और आत्मनिर्भर बन सकें। इस योजना के तहत प्रदान की जा रही विभिन्न सुविधाओं और सेवाओं के माध्यम से, भारत का सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योग न केवल राष्ट्रीय बल्कि अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भी अपनी पहचान बना रहा है।
इस योजना के तहत लाभार्थियों की सफलता की कहानियाँ यह प्रमाणित करती हैं कि सही दिशा और सहायता के माध्यम से, सूक्ष्म उद्यम भी बड़े सपनों को साकार कर सकते हैं। प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्नयन योजना न केवल उद्यमियों को सशक्त बना रही है, बल्कि ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में रोजगार और आर्थिक विकास को भी बढ़ावा दे रही है।