Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana 2024 :- मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को विवाह संबंधी खर्चों में राहत देना है। इस योजना की शुरुआत अक्टूबर 2017 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की गई थी। योजना का मुख्य उद्देश्य समाज में सर्वधर्म-समभाव और सामाजिक समरसता को बढ़ावा देना है। इसके अंतर्गत गरीब परिवारों की बेटियों के सामूहिक विवाह पर सरकार द्वारा आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे बिना किसी आर्थिक बोझ के अपनी बेटियों की शादी कर सकें।
Mukhyamantri Samuhik Vivah Yojana UP 2024
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही एक महत्वपूर्ण योजना है, जो गरीब परिवारों की बेटियों को उनके विवाह के लिए 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत गृहस्थी की स्थापना, विवाह संस्कार की सामग्री, और आयोजन के लिए राशि दी जाती है। पात्रता, आवेदन प्रक्रिया और लाभ के बारे में जानने के लिए इस योजना पर विस्तृत जानकारी प्राप्त करें और जानें कैसे यह योजना समाज में सामाजिक समरसता और सहायता प्रदान करती है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना उत्तर प्रदेश का उद्देश्य
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के माध्यम से सरकार ने एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। इसका उद्देश्य गरीब परिवारों को कन्याओं की शादी के खर्चों के बोझ और कर्ज से बचाना है। इसके साथ ही, विधवा, दिव्यांग और तलाकशुदा महिलाओं के जीवन स्तर में सुधार करना भी इस योजना का प्रमुख उद्देश्य है। यह योजना न केवल समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि दहेज प्रथा जैसी सामाजिक बुराइयों से मुक्ति दिलाने में भी मददगार साबित हो रही है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के लाभ
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के अंतर्गत पात्र कन्याओं को 51,000 रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की जाती है। इसमें 35,000 रुपये गृहस्थी की स्थापना के लिए, 10,000 रुपये विवाह संस्कार हेतु आवश्यक सामग्री के लिए, और 6,000 रुपये विवाह आयोजन हेतु प्रदान किए जाते हैं। इस राशि का उद्देश्य विवाह के दौरान आने वाले खर्चों को कम करना और परिवारों को आर्थिक रूप से सहयोग प्रदान करना है। इसके अलावा, योजना के अंतर्गत विधवा, दिव्यांग और तलाकशुदा महिलाओं को भी प्राथमिकता दी जाती है।
- गृहस्थी की स्थापना: 35,000 रुपये
- विवाह संस्कार की सामग्री: 10,000 रुपये
- विवाह आयोजन की सहायता: 6,000 रुपये
- कुल सहायता राशि: 51,000 रुपये
पात्रता और आवश्यक दस्तावेज
योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण पात्रताएं और दस्तावेज जरूरी हैं। सबसे पहले, कन्या उत्तर प्रदेश की मूल निवासी होनी चाहिए और उसकी उम्र 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए। आवेदक परिवार की वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम होनी चाहिए। इसके अलावा, अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, और अन्य पिछड़ा वर्ग के आवेदकों के पास जाति प्रमाण पत्र होना अनिवार्य है।
आवेदन के लिए आवेदिका और वर की पासपोर्ट साइज फोटो, अभिभावक का आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र (यदि लागू हो), आवेदिका का आधार कार्ड, वर का आधार कार्ड, और शादी प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेजों की जरूरत होती है।
पात्रता:
- कन्या उत्तर प्रदेश की निवासी होनी चाहिए।
- परिवार गरीबी रेखा के अंतर्गत आता हो और वार्षिक आय 2 लाख रुपये से कम हो।
- कन्या की आयु 18 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- वर की आयु 21 वर्ष या उससे अधिक होनी चाहिए।
- तलाकशुदा महिला को कानूनी रूप से तलाकशुदा होना चाहिए।
आवश्यक दस्तावेज:
- आवेदिका और वर की पासपोर्ट साइज फोटो
- आधार कार्ड
- आय प्रमाण पत्र
- जाति प्रमाण पत्र (अनुसूचित जाति/जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग के लिए)
- बैंक खाता विवरण
- शादी प्रमाण पत्र
आवेदन करने के लिए जरूरी दस्तावेजों को जमा करना होता है, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि लाभार्थी इस योजना के लिए पात्र है। यह प्रक्रिया ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से की जा सकती है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का आवेदन प्रक्रिया
इस योजना के अंतर्गत आवेदन दो माध्यमों से किया जा सकता है: ऑफलाइन और ऑनलाइन। ऑफलाइन आवेदन के लिए आवेदक को अपने क्षेत्र के अनुसार आवेदन पत्र निकाल कर जिला समाज कल्याण कार्यालय में जमा कराना होता है। आवेदन पत्र में आवेदक का विवरण, वर का विवरण, विधवा या तलाकशुदा कन्याओं हेतु विवरण आदि जानकारी भरनी होती है।
ऑनलाइन आवेदन के लिए आवेदक को विवाह अनुदान पोर्टल पर जाकर अपनी जाति का चयन करना होता है, जिसके बाद आवेदन पत्र खुल जाता है। इसमें आवेदक का विवरण, शादी का विवरण, वार्षिक आय का विवरण, और बैंक का विवरण भरना होता है। आवेदन पत्र सबमिट करने के बाद आवेदक को उसकी प्रति निकालनी होती है और सभी दस्तावेजों को 30 दिनों के भीतर जिला समाज कल्याण अधिकारी कार्यालय में जमा करना होता है।
- ऑफलाइन आवेदन:
- आवेदक को आवेदन पत्र भरकर जिला समाज कल्याण कार्यालय में जमा करना होता है।
- आवेदन पत्र में आवेदिका और वर का विवरण, विवाह का समय, और आवश्यक दस्तावेज संलग्न करने होते हैं।
- ऑनलाइन आवेदन:
- आवेदक को विवाह अनुदान पोर्टल पर जाकर पंजीकरण करना होता है।
- पंजीकरण के बाद, आवेदन पत्र भरकर सभी आवश्यक दस्तावेज अपलोड करने होते हैं।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के महत्वपूर्ण बिंदु
योजना के तहत विवाह निशुल्क होता है और वर या कन्या के परिवार से किसी प्रकार का पंजीयन शुल्क अथवा दान नहीं लिया जाता। यदि वर और वधु की आयु निर्धारित न हो, तो बाल विवाह अधिनियम के तहत उनके अभिभावकों के विरुद्ध क़ानूनी कार्यवाही की जाएगी। सामूहिक विवाह के लिए न्यूनतम 10 जोड़ों का होना अनिवार्य है, और योजना के अंतर्गत ग्रहस्थी की स्थापना हेतु कन्या के खाते में 35,000 रुपये की धनराशि दी जाती है। विवाह हेतु आवश्यक सामग्री के लिए 10,000 रुपये और विवाह आयोजन हेतु 6,000 रुपये की राशि प्रदान की जाती है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना का सामाजिक प्रभाव
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना ने समाज में सकारात्मक प्रभाव डाला है। इसके माध्यम से सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों को आर्थिक सहयोग प्रदान किया है और दहेज प्रथा जैसी कुप्रथाओं से मुक्ति दिलाने में मदद की है। योजना ने न केवल गरीब परिवारों को आर्थिक राहत प्रदान की है, बल्कि विधवा, दिव्यांग और तलाकशुदा महिलाओं के जीवन में भी खुशहाली लाई है।
योजना से जुड़ी जानकारी
यदि आप इस योजना के बारे में और जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं या आवेदन करने में किसी प्रकार की सहायता चाहते हैं, तो आप समाज कल्याण विभाग की वेबसाइट पर जा सकते हैं या निम्नलिखित टोल-फ्री नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति व सामान्य जाति के लिए – टोल फ्री नंबर: 18004190001
- अन्य पिछड़ी जाति के लिए – डिप्टी डायरेक्टर: 0522 2288861, टोल फ्री नंबर: 18001805131
- अल्पसंख्यक वर्ग श्रेणी – डिप्टी डायरेक्टर: 0522 2286199
- समाज कल्याण विभाग फोन नंबर: 0522 2209259
- समाज कल्याण विभाग ई-मेल: director.sw@dirsamajkalyan.in
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना एक ऐसी पहल है जो समाज के आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को शादी के खर्चों से राहत प्रदान करती है। यह योजना न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में सामाजिक समरसता और सर्वधर्म-समभाव को भी बढ़ावा देती है। इसके माध्यम से सरकार ने समाज के कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने और उनके जीवन स्तर को सुधारने का एक महत्वपूर्ण प्रयास किया है।