janani suraksha yojana 2024 :- जननी सुरक्षा योजना (JSY) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है जो गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है। यह योजना 12 अप्रैल 2005 को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के अंतर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) द्वारा शुरू की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है।
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जननी सुरक्षा योजना के तहत सभी गर्भवती महिलाएं जो सरकारी या मान्यता प्राप्त निजी स्वास्थ्य संस्थानों में अपने बच्चे को जन्म देती हैं, नकद सहायता प्राप्त करने की पात्र हैं। यह योजना विशेष रूप से गरीबी रेखा से नीचे (BPL) जीवन यापन करने वाली महिलाओं, अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) की महिलाओं के लिए बनाई गई है। इस योजना के तहत, लाभार्थियों को मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड और जननी सुरक्षा योजना कार्ड भी प्रदान किया जाता है।
जननी सुरक्षा योजना लाभ
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नकद सहायता प्रदान की जाती है।
ग्रामीण क्षेत्र में नकद सहायता
- निम्न प्रदर्शन वाले राज्य (LPS):
- माँ को 1400/- रुपये की नकद सहायता।
- आशा कार्यकर्ता को 300/- रुपये प्रसवपूर्व देखभाल घटक के लिए और 300/- रुपये संस्थागत प्रसव की सुविधा के लिए, कुल 600/- रुपये की नकद सहायता।
- कुल सहायता: 2000/- रुपये।
- उच्च प्रदर्शन वाले राज्य (HPS):
- माँ को 700/- रुपये की नकद सहायता।
- आशा कार्यकर्ता को 300/- रुपये प्रसवपूर्व देखभाल घटक के लिए और 300/- रुपये संस्थागत प्रसव की सुविधा के लिए, कुल 600/- रुपये की नकद सहायता।
- कुल सहायता: 1300/- रुपये।
शहरी क्षेत्र में नकद सहायता
- निम्न प्रदर्शन वाले राज्य (LPS):
- माँ को 1000/- रुपये की नकद सहायता।
- आशा कार्यकर्ता को 200/- रुपये प्रसवपूर्व देखभाल घटक के लिए और 200/- रुपये संस्थागत प्रसव की सुविधा के लिए, कुल 400/- रुपये की नकद सहायता।
- कुल सहायता: 1400/- रुपये।
- उच्च प्रदर्शन वाले राज्य (HPS):
- माँ को 600/- रुपये की नकद सहायता।
- आशा कार्यकर्ता को 200/- रुपये प्रसवपूर्व देखभाल घटक के लिए और 200/- रुपये संस्थागत प्रसव की सुविधा के लिए, कुल 400/- रुपये की नकद सहायता।
- कुल सहायता: 1000/- रुपये।
जननी सुरक्षा योजना का उद्देश्य और इसके फायदे
जननी सुरक्षा योजना का प्रमुख उद्देश्य मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करना और संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देना है। इस योजना के तहत, गर्भवती महिलाओं को गर्भावस्था के दौरान, प्रसव के समय और प्रसव के बाद अच्छी चिकित्सा देखभाल प्रदान की जाती है। इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित लाभ भी प्रदान किए जाते हैं:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नकद सहायता: गर्भवती महिलाओं को नकद सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे प्रसव के दौरान होने वाले खर्च को वहन कर सकती हैं।
- बीपीएल महिलाओं के लिए घर पर प्रसव के लिए सहायता: गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को घर पर प्रसव के लिए 500 रुपये की नकद सहायता दी जाती है।
- आशा कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन राशि: आशा कार्यकर्ताओं को उनकी सेवाओं के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
- प्रसव से पहले न्यूनतम 3 निःशुल्क प्रसवपूर्व जांच: गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम 3 निःशुल्क प्रसवपूर्व जांच की सुविधा प्रदान की जाती है।
- मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड और जननी सुरक्षा योजना कार्ड: प्रत्येक लाभार्थी को मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड और जननी सुरक्षा योजना कार्ड प्रदान किया जाता है।
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जननी सुरक्षा योजना में शामिल होने के लिए गर्भवती महिलाओं को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकरण कराना होता है। इसके लिए आशा कार्यकर्ता या एएनएम (सहायक नर्स मिडवाइफ) की सहायता ली जा सकती है। आवेदन प्रक्रिया के तहत निम्नलिखित चरण शामिल हैं:
- पंजीकरण: गर्भवती महिलाओं को अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर पंजीकरण कराना होता है। पंजीकरण के समय आवश्यक दस्तावेज जैसे बीपीएल प्रमाण पत्र, आयु प्रमाण पत्र आदि प्रस्तुत करने होते हैं।
- स्वास्थ्य जांच: पंजीकरण के बाद गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम 3 निःशुल्क प्रसवपूर्व जांच की सुविधा प्रदान की जाती है। इस जांच में टीटी (टेटनस टॉक्साइड) इंजेक्शन और आईएफए (आयरन फोलिक एसिड) गोलियां शामिल हैं।
- नकद सहायता: पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच के बाद गर्भवती महिलाओं को उनकी पात्रता के अनुसार नकद सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता प्रसव के समय या प्रसव से 7 दिन पहले दी जाती है।
जननी सुरक्षा योजना: सुरक्षित मातृत्व के लिए सरकार की पहल
जननी सुरक्षा योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो गर्भवती महिलाओं को सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने की दिशा में कार्य करती है। इस योजना के तहत नकद सहायता और स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान की जाती हैं ताकि मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम किया जा सके। यह योजना विशेष रूप से निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों पर केंद्रित है, जहां संस्थागत प्रसव की दर 25% से कम है।
जननी सुरक्षा योजना के तहत मिलने वाले लाभों की सूची
जननी सुरक्षा योजना के तहत गर्भवती महिलाओं को निम्नलिखित लाभ प्रदान किए जाते हैं:
- ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में नकद सहायता: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को नकद सहायता प्रदान की जाती है। यह सहायता निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों और उच्च प्रदर्शन वाले राज्यों के लिए अलग-अलग होती है।
- बीपीएल महिलाओं के लिए घर पर प्रसव के लिए सहायता: गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली महिलाओं को घर पर प्रसव के लिए 500 रुपये की नकद सहायता दी जाती है।
- आशा कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन राशि: आशा कार्यकर्ताओं को उनकी सेवाओं के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 400 रुपये की नकद सहायता दी जाती है।
- प्रसव से पहले न्यूनतम 3 निःशुल्क प्रसवपूर्व जांच: गर्भवती महिलाओं को न्यूनतम 3 निःशुल्क प्रसवपूर्व जांच की सुविधा प्रदान की जाती है।
- मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड और जननी सुरक्षा योजना कार्ड: प्रत्येक लाभार्थी को मातृ-शिशु स्वास्थ्य कार्ड और जननी सुरक्षा योजना कार्ड प्रदान किया जाता है।
- संस्थागत प्रसव को बढ़ावा: संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए गर्भवती महिलाओं को नकद सहायता प्रदान की जाती है। इससे मातृ और शिशु मृत्यु दर को कम करने में सहायता मिलती है।
- आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका: आशा कार्यकर्ता गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत करने, स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करने और प्रसव के समय उनके साथ स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहने में मदद करती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को उनकी सेवाओं के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है।
- विशेष प्रावधान: निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों के लिए विशेष प्रावधान किए गए हैं। जैसे कि, कोई आयु प्रतिबंध नहीं है और 2 बच्चों तक का कोई प्रतिबंध नहीं है। इन राज्यों की सभी गर्भवती महिलाएं जननी सुरक्षा योजना के तहत नकद सहायता पाने की पात्र हैं।
जननी सुरक्षा योजना (JSY) के अंतर्गत लाभ प्राप्त करने के लिए पात्रता
- भारतीय निवासी: महिला को भारत की निवासी होना अनिवार्य है।
- गरीबी रेखा से नीचे (BPL): केवल वे महिलाएं जो गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन कर रही हैं, इस योजना का लाभ उठा सकती हैं।
- आयु सीमा: गर्भवती महिला की आयु 19 वर्ष से अधिक होनी चाहिए।
- बच्चों की सीमा: जननी सुरक्षा योजना का लाभ केवल दो बच्चों तक ही सीमित है।
- पंजीकरण और प्रसव: ऐसी गर्भवती महिलाएं जिन्होंने JSY (जननी सुरक्षा योजना) के तहत पंजीकरण कराया है और सरकारी या चयनित निजी अस्पताल में प्रसव कराया है, केवल उन्हीं को इस योजना का लाभ दिया जाएगा।
जननी सुरक्षा योजना दस्तावेज
- आधार कार्ड: पहचान प्रमाण के रूप में।
- निवास प्रमाण पत्र: निवास स्थान का प्रमाण।
- बीपीएल राशन कार्ड: गरीबी रेखा से नीचे (BPL) होने का प्रमाण।
- JSY कार्ड: जननी सुरक्षा योजना कार्ड।
- डिलीवरी सर्टिफिकेट: प्रसव का प्रमाण पत्र।
- बैंक खाता विवरण: बैंक खाता का विवरण।
- मोबाइल नंबर: संपर्क के लिए वैध मोबाइल नंबर।
- पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ: हाल की पासपोर्ट साइज फोटो।
जननी सुरक्षा योजना के बारे में जानकारी
जननी सुरक्षा योजना के तहत नकद सहायता पाने के लिए गर्भवती महिलाओं को आवश्यक प्रमाण पत्र और दस्तावेज प्रस्तुत करने होते हैं। आशा कार्यकर्ता या एएनएम की मदद से आवश्यक दस्तावेजों की पूर्ति की जा सकती है। इसके अलावा, पंजीकरण और स्वास्थ्य जांच के बाद गर्भवती महिलाओं को उनकी पात्रता के अनुसार नकद सहायता प्रदान की जाती है। अधिक जानकारी के लिए आप सरकारी योजना के ऑफिसियल वेबसाईट पर जा कर प्राप्त कर सकतें हैं
जननी सुरक्षा योजना: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए विशेष योजनाएं
जननी सुरक्षा योजना के तहत ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों के लिए अलग-अलग नकद सहायता प्रदान की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों में 1400/- रुपये और उच्च प्रदर्शन वाले राज्यों में 700/- रुपये की नकद सहायता दी जाती है। वहीं, शहरी क्षेत्रों में निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों में 1000/- रुपये और उच्च प्रदर्शन वाले राज्यों में 600/- रुपये की नकद सहायता दी जाती है।
आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका
जननी सुरक्षा योजना में आशा कार्यकर्ताओं की भूमिका महत्वपूर्ण है। वे गर्भवती महिलाओं को पंजीकृत करने, स्वास्थ्य जांच की व्यवस्था करने और प्रसव के समय उनके साथ स्वास्थ्य केंद्र पर मौजूद रहने में मदद करती हैं। आशा कार्यकर्ताओं को उनकी सेवाओं के लिए नकद प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 400 रुपये की नकद सहायता दी जाती है।
योजना का प्रभाव
जननी सुरक्षा योजना का प्रभाव बेहद सकारात्मक रहा है। इस योजना के लागू होने के बाद संस्थागत प्रसव की दर में वृद्धि हुई है और मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। विशेष रूप से निम्न प्रदर्शन वाले राज्यों में इस योजना के कारण महिलाओं में प्रसव के समय सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर जाने की प्रवृत्ति बढ़ी है। इसके अलावा, आशा कार्यकर्ताओं की सहायता से गर्भवती महिलाओं को समय पर स्वास्थ्य सेवाएं मिल रही हैं, जिससे उनकी स्वास्थ्य स्थिति में सुधार हो रहा है।
निष्कर्ष
जननी सुरक्षा योजना गर्भवती महिलाओं के लिए एक वरदान साबित हो रही है। इस योजना के तहत, उन्हें वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है, जिससे वे प्रसव के दौरान होने वाले खर्च को वहन कर सकती हैं। साथ ही, उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं भी उपलब्ध कराई जाती हैं, जिससे मातृ और शिशु स्वास्थ्य में सुधार होता है। जननी सुरक्षा योजना के कारण, संस्थागत प्रसव की दर में वृद्धि हुई है और मातृ तथा शिशु मृत्यु दर में कमी आई है। यह योजना सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो सुरक्षित मातृत्व प्रदान करने की दिशा में कार्य करती है।