Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana 2024: कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, और बिहार राज्य में भी यह प्रमुख गतिविधि है। यहां की अधिकांश आबादी अपनी आजीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। लेकिन प्राकृतिक आपदाओं और अन्य कारकों के कारण किसानों की फसलें अक्सर क्षतिग्रस्त हो जाती हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव पड़ता है। इसी समस्या को हल करने के लिए बिहार सरकार ने 2018 में बिहार राज्य फसल सहायता योजना की शुरुआत की। यह योजना किसानों को फसल क्षति की स्थिति में आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई है।
Bihar Rajya Fasal Sahayata Yojana 2024
बिहार राज्य फसल सहायता योजना 2024 बिहार सरकार की एक पहल है, जिसे किसानों को प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से फसल क्षति होने पर आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए शुरू किया गया है। इस योजना के तहत, अगर किसी किसान की फसल को 20% तक क्षति होती है, तो उन्हें ₹7,500 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है। 20% से अधिक क्षति होने पर ₹10,000 प्रति हेक्टेयर की आर्थिक मदद प्रदान की जाती है। यह योजना रैयत और गैर रैयत किसानों दोनों के लिए उपलब्ध है और आवेदन प्रक्रिया ऑनलाइन पोर्टल, ई-सहकारी एप्प, या कॉल सेंटर के माध्यम से की जा सकती है।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना का उद्देश्य और लाभ
इस योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के किसानों को फसल क्षति के समय में आर्थिक मदद प्रदान करना है। इस योजना के तहत, यदि किसी किसान की फसल को 20% तक क्षति होती है, तो उसे ₹7,500 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है। वहीं, यदि फसल को 20% से अधिक क्षति होती है, तो किसान को ₹10,000 प्रति हेक्टेयर की सहायता दी जाती है। यह योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण सुरक्षा कवच के रूप में कार्य करती है, जो उन्हें कठिन परिस्थितियों में आर्थिक सहारा प्रदान करती है। बिहार सरकारी योजना की अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना पात्रता और आवश्यक दस्तावेज़
योजना के तहत लाभ प्राप्त करने के लिए, किसान को निम्नलिखित शर्तें पूरी करनी होती हैं:
- रैयत किसान: वे किसान जो अपनी भूमि पर स्वयं खेती करते हैं।
- गैर रैयत किसान: वे किसान जो दूसरों की भूमि पर खेती करते हैं।
- मिश्रित किसान: ऐसे किसान जो अपनी भूमि के साथ-साथ दूसरों की भूमि पर भी खेती करते हैं।
लाभ प्राप्त करने के लिए किसानों को निम्नलिखित दस्तावेज़ प्रस्तुत करने होते हैं:
- कृषि विभाग की निबंधन संख्या
- आधार कार्ड
- पहचान पत्र (कोई भी एक)
- बैंक खाता विवरण
- भू-स्वामित्व प्रमाण पत्र (रैयत किसानों के लिए)
- स्वघोषणा प्रमाण पत्र
- पासपोर्ट साइज फोटो
- आवासीय प्रमाण पत्र
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के आवेदन प्रक्रिया
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के तहत आवेदन करने की प्रक्रिया को सरल और सुलभ बनाया गया है। इसके लिए किसान निम्नलिखित तरीकों से आवेदन कर सकते हैं:
- ऑनलाइन पोर्टल: किसान बिहार राज्य फसल सहायता योजना पोर्टल पर जाकर अपना आवेदन जमा कर सकते हैं।
- ई-सहकारी एप्प: बिहार सरकार की ई-सहकारी एप्प के माध्यम से भी आवेदन किया जा सकता है।
- सुगम कॉल सेंटर: किसान 18001800110 पर कॉल करके भी आवेदन कर सकते हैं।
आवेदन के लिए, किसान को पहले किसान निबंधन संख्या प्राप्त करनी होती है, जिसे सहकारी समिति के पोर्टल पर पंजीकरण कर के बनाया जा सकता है। इसके बाद, किसान को फसल सहायता योजना पोर्टल पर लॉगिन कर के अपनी निजी और फसल की जानकारी दर्ज करनी होती है। मांगे गए दस्तावेज़ अपलोड करने के बाद, आवेदन पत्र जमा हो जाता है। इसके बाद कृषि विभाग के अधिकारी आवेदन पत्र की जांच करते हैं और स्थल निरीक्षण करते हैं। सभी जानकारी सही पाए जाने पर योजना के तहत आर्थिक सहायता सीधे किसान के बैंक खाते में ट्रांसफर कर दी जाती है।
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के महत्वपूर्ण बिंदु
बिहार राज्य फसल सहायता योजना के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु निम्नलिखित हैं:
- इस योजना के तहत सहायता केवल 2 हेक्टेयर तक की भूमि के लिए प्रदान की जाती है।
- किसान एक से अधिक फसल के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
- सहायता केवल प्राकृतिक आपदाओं के कारण हुई फसल क्षति पर ही दी जाती है।
- 20% तक की फसल क्षति पर अधिकतम ₹15,000 की सहायता दी जाती है, जबकि 20% से अधिक क्षति पर अधिकतम ₹20,000 की सहायता प्रदान की जाती है।
- योजना के तहत आवेदन और लाभ प्राप्त करने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाता है।
संपर्क जानकारी
योजना से संबंधित किसी भी जानकारी या सहायता के लिए किसान निम्नलिखित हेल्पलाइन नंबरों पर संपर्क कर सकते हैं:
- बिहार राज्य फसल सहायता योजना हेल्पलाइन नम्बर: 18003456290, 18001800110, 0612-2200693
- ईमेल: kisanreghelp@gmail.com
निष्कर्ष
बिहार राज्य फसल सहायता योजना किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है, जो उन्हें प्राकृतिक आपदाओं के दौरान आर्थिक संकट से उबरने में मदद करती है। इस योजना के तहत मिलने वाली आर्थिक सहायता न केवल किसानों की आजीविका को सुरक्षित करती है, बल्कि राज्य की कृषि अर्थव्यवस्था को भी मजबूत बनाती है। किसानों के कल्याण के लिए बिहार सरकार द्वारा उठाया गया यह कदम सराहनीय है, और इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करके अधिक से अधिक किसानों तक इसकी पहुंच सुनिश्चित करना आवश्यक है।